पिंजरा और पक्षी
पिंजरे में कैद पक्षी ,
बहुत दिनों से नहीं बोला ,
जाने उसने अपना मुंह क्यों नहीं खोला , लगता है खामोश है , परिवेश से वाकिफ है ,
अगले ही पल,निकलती आह से कराह से , लगता है जिंदा है , मरा नहीं, पर आगे का पता नहीं
, सुना है सैय्यद बहुत बेरहम और दरिंदा है ,
पर ठीक है अभी तो जिंदा है।