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11 May 2021 · 1 min read

पास बिल्कुल न आओ

अगर हो सके पास बिल्कुल न आओ
अभी ईद सब दूर से ही मनाओ

निकालो कदम जब जरूरी अगर हो
सभी ऐश इशरत अभी भूल जाओ

हमें तुमसे कोई शिकायत नहीं है
तअल्लुक अभी दूर से ही निभाओ

नहीं है यह मिलने मिलाने का मौसम
दुआ के लिए हाथ मिलकर उठाओ

गिला अब करें क्या किसी से जहां में
हरिक बदगुमानी अभी भूल जाओ

लगाओ न इल्ज़ाम इक-दूसरे पर
सेहत याफ्ता मुल्क मिलकर बनाओ

हमारा नहीं कुछ, तुम्हारा नहीं कुछ
यह दौलत यह शोहरत ज़रा भूल जाओ

तलाफ़ी करें अब गुनाहों की ‘अरशद’
कि मिलकर सभी आज रब को मनाओ

3 Likes · 4 Comments · 493 Views
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