Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2021 · 1 min read

पावस ऋतु

पावस ऋतु

घनघोर काली घटा, सांवली लगे हैं छटा-
उमड़ – घुमड़ कर, नीर बरसा गया।

सजल सघन घन, भूमिपुत्र का है धन-
बूंद बन कनक का , मन हरषा गया।

पुरवाई मद भरी, छटा लगे हरी-भरी-
मेंढ़क की टर-टर, चहुंओर छा गया।

चपला चमक कर, कड़क-कड़ककर-
करे अति शोर हर, मन को डरा गया।

कोयल की कूक प्यारी, जामुन की शोभा न्यारी-
इन्द्रधनुष बन देखो, नभ बीच छा गया।

हरियाली हर खेत, दिखे नहीं माटी-रेत-
सूखी माटी भींग चली, बीज उग आ गया ।

पावस की ऋतु आई, चहुंओर घट छाई-
नदी, नाले, कूप में भी, जल छलछला गया।

बृष्टि लगे हमें न्यारी, बूंद बूंद अति प्यारी-
भींग रहे नर नारी, उमंग जगा गया।

✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन

5 Likes · 2 Comments · 556 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
प्रणय गीत --
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
Poetry Writing Challenge-3 Result
Poetry Writing Challenge-3 Result
Sahityapedia
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
एक महिला जिससे अपनी सारी गुप्त बाते कह देती है वह उसे बेहद प
Rj Anand Prajapati
संवेदना...2
संवेदना...2
Neeraj Agarwal
बन्दे   तेरी   बन्दगी  ,कौन   करेगा   यार ।
बन्दे तेरी बन्दगी ,कौन करेगा यार ।
sushil sarna
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
स्वरचित कविता..✍️
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में
किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में
Chitra Bisht
" हल "
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी दोहा-कालनेमि
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अनुभूति...
अनुभूति...
ओंकार मिश्र
मेरा वतन
मेरा वतन
Pushpa Tiwari
चाहिए
चाहिए
Punam Pande
ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मुश्किल है अपना मेल प्रिय।
मुश्किल है अपना मेल प्रिय।
Kumar Kalhans
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
* सिला प्यार का *
* सिला प्यार का *
surenderpal vaidya
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
फिर लौट आयीं हैं वो आंधियां, जिसने घर उजाड़ा था।
Manisha Manjari
" ऐसा रंग भरो पिचकारी में "
Chunnu Lal Gupta
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जाना है
जाना है
Dr.Pratibha Prakash
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
ग़ज़ल _ सरकार आ गए हैं , सरकार आ गए हैं ,
Neelofar Khan
*पुस्तक*
*पुस्तक*
Dr. Priya Gupta
*आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश (कुंडलिया)*
*आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🙅सीधी बात🙅
🙅सीधी बात🙅
*प्रणय*
4017.💐 *पूर्णिका* 💐
4017.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज का इन्सान हर *पहर* मर रहा है ।।
आज का इन्सान हर *पहर* मर रहा है ।।
Ashwini sharma
देश- विरोधी तत्व
देश- विरोधी तत्व
लक्ष्मी सिंह
मैं बेवजह ही मायूस रहता हूँ अपने मुकद्दर से
मैं बेवजह ही मायूस रहता हूँ अपने मुकद्दर से
VINOD CHAUHAN
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
Loading...