पावन दीवाली
मुक्तक – पावन दिवाली
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जली है ज्योति दीपक की,
परम ही खुशियाँ वाली हैं।
प्रकाशित जो हुआ दुनिया,
मीटी यह रात काली हैं।
चलो गंगा बहाए प्रेम की,
जग में सभी मिलकर।
सुखी मन भाव को कर दे,
वही तो शुभ दिवाली हैं।
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स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे, “कोहिनूर”
छत्तीसगढ़(भारत)