पाला जाता घरों में, वफादार है श्वान।
पाला जाता घरों में, वफादार है श्वान।
रखता है वह स्वयं में, उपयोगिता महान।।
उपयोगिता महान, न सोता सुधबुध खोकर।
जीता है जिन्दगी, सतत स्वामी का होकर।।
भैरव का प्रिय पात्र, कहाता कुत्ता काला।
स्वामिभक्ति वरणीय, घरों में जाता पाला।।
— महेश चन्द्र त्रिपाठी