सताने लगा आदमी
बेकसों को सताने लगा आदमी
भूल बैठा है खौफ-ए खुदा आदमी
ढूंढने हम चले पारसा आदमी
था नहीं कोइ हमसे बुरा आदमी
है फरिश्तों से’ ऊंचा तिरा मरतबा
इस क़दर भी न खुद को गिरा आदमी
दुश्मनों से दिखे, आज भाई सगे
बदगुमानी पे इतना तुला आदमी
दिल के आगे को’ई हार जाए तभी
छोड़ता है वहीं, हौसला आदमी
आज रिश्ते सगे, टूटने सब लगे
ख्वाहिशों में यहां फंस गया आदमी
अब नसीहत किसी को किया मत करो
मानता है भले को बुरा आदमी