पारम्परिक प्रतिद्द्न्दी
पाक भारत का, भारत पाक का है–
पारम्परिक प्रतिद्द्न्दी।
इनकी प्रतिद्दन्दिता है सास बहु जैसी–
जिसके लिए किसी मुद्दे की जरुरत नही होती।
बहु परदे की ओट से दिखा देती है–
सास को अँगूठा,
और सास प्रत्युत्तर में लगा देती है–
कोसाओं और बद्दुआओं का अम्बार।
कभी यह प्रतिद्दन्दिता खतरनाक रूप से बढ़ जाती है–
और लगने लगता है होने वाला है भीषण युद्ध।
अड़ौसी–पड़ौसी बन कर एक दूसरे के पक्षधर,
अथवा बन कर तमाशबीन–
मैदान में आ जाते हैं।
कुछ प्रभावशाली दिखाने को अपना प्रभाव,
दोनों के मध्य कराने को सुलह वार्ता–
प्रयास में लग जाते हैं।
विवाद की परिणिति हो जाती है–
शान्ति वार्ता के दौर में।
लगता है यह सब ऐसे ही चलता रहेगा–
और स्थाई शान्ति की बात बन कर रह जायगी एक स्वप्न।
जयन्ती प्रसाद शर्मा