पायल
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पायल
गोरी तेरे पांव की पायल
झनझन झनकत जाय
सुनकर पायल की रूनझुन
जिया मोरा ललचाय
आज पिया परदेश से आये
पायल शोर मचाये
पिया मिलन की साक्षी बनकर,
पैरों में छनके हाय
सोलह श्रृंगार का अंग बनी है
पैरों में महावर संग सजीहै
पायल संग भेद न जानें
कितनें खुल खुल जाय
गोरी तेरे पांव की पायल….
कुमुद श्रीवास्तव वर्मा