पाबंदी
खुद पर
पाबंदी लगानी पड़ती है
खुद को
एक किले के अहाते में
कैद करना पड़ता है
खुद को भुलाना पड़ता है
जग को भुलाना पड़ता है
हर सुख को दूर भगाना होता है
खुद को थोड़ा कष्ट उठाते रहने का
अनुभव कराना पड़ता है
गर जीवन में कुछ पाना होता है
आकाश में एक ऊंची उड़ान
भरने के लिए
खुद की हजारों ख्वाहिशों को
जीते जी
जमीन में
एक कब्र की तरह
कहीं गहरे दफनाना पड़ता है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001