पाप मत कमाओ (बेहतरीन कविता)
पाप मत कमाओ /कविता
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नेतलाल यादव
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जाना है हर किसी को, पाप मत कमाओ
जीवन के खाते में ,कुछ पुण्य तो जुड़ाओ
ऊपर वाले देख रहे रहे है,तनिक तो
उनसे भी घबराओ ,पाप मत कमाओ
बड़े-बड़े सम्राट ,अंतिम समय में पकड़ते है खाट
तब धरा ही रह गया ठाट,भले हो जाओ परेशान
राजा हरिश्चंद्र को रखना ध्यान ,कभी गलत नहीं करूंगा
यह मन तो बनाओ ,पापा मत कमाओ ,
एक दिन तुम्हारी जीत होगी,सभी लोगों से प्रीत होगी
सब लेंगे तेरा नाम ,जब करोगे सुंदर काम
मिलेगा स्वर्ग का धाम ,प्रसन्न होंगे प्रभु श्री राम
वर्तमान के साथ-साथ ,भविष्य को भी सुंदर बनाओ
पाप मत कमाओ,पाप का सजा ,
आपको ही मिलेगी ,तब रोककर होगा बुरा हाल
सत्य कह रहा है नेतलाल ,सुख शांति से परिवार के बीच,
नून रोटी से ही काम चलाओ,पर पाप मत कमाओ ।।
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नेतलाल यादव
नावाडीह,चरघरा,जमुआ ,गिरिडीह
झारखंड, पिन कोड-815318