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29 May 2018 · 1 min read

पाप पुन्य के गणित को,

पाप पुण्य के गणित को, समझ सका है कौन,
मन चाही है व्यवस्था, शास्त्र हुये हैं मौन l

पंथों ने बाँटा हमें, द्वैत और अद्वैत,
ईश्वर सत्ता ऐक है, प्राणी अब तू चेत l

Language: Hindi
1 Like · 711 Views
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