Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2024 · 2 min read

पाप के छेदों की एम्बाडरी (रफु ) के लिए एक पुस्तक है। जीसमे

#आज_का_आभास
■ क्यों कहा- “आ बैल, मुझे मार…?”
【प्रणय प्रभात】
पाखंड-लोक पर कटाक्ष करती मेरी चार पंक्ति की एक पोस्ट पर आज एक “फेसबुकी फ्रेंड” ने आठ पंक्तियों का निरर्थक सा कॉमेंट दिया। जो ध्यान से पढ़ने के आग्रह के साथ (बिना उनका नाम लिखे) यहां अक्षरक्षः (Copied) प्रस्तुत कर रहा हूँ। पहले उसे पढ़िए:-
“पाप के छेदों की एम्बाडरी (रफु ) के लिए एक पुस्तक है। जीसमें क्रांतिकारी सामाजिक ,धार्मिक वीचार है ,राजनीतिक सिख है । गारन्टी है इसको पढ़ने के बाद किसी दोखे में नहीं पड़ोगे । सत्य जानने की खोज हमेशा करोगे ।
उस पुस्तक का नाम है स्वामी दयानंद जी द्वारा लिखित * सत्यार्थप्रकाश * अवश्य पढे़।।”
आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती की प्रेरक कृति “सत्यार्थ प्रकाश” मैं तरुण अवस्था में पढ़ चुका हूँ। उसकी महत्ता और सर्वकालिक प्रासंगिकता पर किसी तरह का कोई सवाल नहीं। तथापि एक “सामयिक टिप्पणी” के “अकारण विषयांतर” के बेतुके प्रयास ने तात्कालिक रूप से क्षुब्ध किया। यह अलग बात है कि आभासी दुनिया के इस मित्र पर आदतन नाराज़गी जताने के बजाय मैंने अपने क्षोभ की आग पर हास्य-व्यंग्य की फुहार डालने का मन बनाया। इस त्वरित जवाब के साथ। ग़ौर से पढ़िए और लुत्फ़ लीजिए:-
“क्या कोई पुस्तक ऐसी भी है प्रभु जी, जो “छोटी-इ इमली वाली” और “बड़ी ई ईख वाली” का अंतर समझा सके? मुझ जैसे परम् अज्ञानी को।।”
हालांकि अगली टिप्पणी में महाशय ने अपनी स्वाभाविक सरलता का परिचय अपनी त्रुटि को सहज स्वीकारते हुए दिया। काश, वे समझ पाते कि एक सामयिक व संदर्भित विचार पर प्रचार थोपना कतई उचित नहीं। वो भी पोस्ट की विषय-वस्तु और लेखक के मर्म व मंतव्य तक पहुंचे बिना। सभी को यह समझना चाहिए कि विचार का विषयांतर न केवल विमर्श का विनाश करता है, वरन् औरों को भी इस तरह की ग़लती के लिए उत्प्रेरित करता है। जिसे मेरे जैसे लोग “वैचारिक संक्रमण” की संज्ञा देते हैं। जय राम जी की।।
◆संपादक◆
न्यूज़ & वयूज़
श्योपुर (मप्र) .

1 Like · 53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Who am I?
Who am I?
Otteri Selvakumar
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
3767.💐 *पूर्णिका* 💐
3767.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इस बार मुकाबला दो झुंडों के बीच है। एक के सारे चेहरे एक मुखौ
इस बार मुकाबला दो झुंडों के बीच है। एक के सारे चेहरे एक मुखौ
*प्रणय*
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
ऐ .. ऐ .. ऐ कविता
नेताम आर सी
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए, कुछ समय शोध में और कुछ समय
समय को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए, कुछ समय शोध में और कुछ समय
Ravikesh Jha
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ये रहस्य, रहस्य ही रहेगा, खुलेगा भी नहीं, जिस दिन (यदि) खुल
ये रहस्य, रहस्य ही रहेगा, खुलेगा भी नहीं, जिस दिन (यदि) खुल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
तेरी नाराज़गियों से तुझको ठुकराने वाले मिलेंगे सारे जहां
Ankita Patel
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सुनले पुकार मैया
सुनले पुकार मैया
Basant Bhagawan Roy
मांँ
मांँ
Diwakar Mahto
किसी से भी
किसी से भी
Dr fauzia Naseem shad
"ऐ मेरे दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
Vin88 là nhà cái cá cược hàng đầu Việt Nam, cung cấp đa dạng
Vin88 là nhà cái cá cược hàng đầu Việt Nam, cung cấp đa dạng
Vin88
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
Raazzz Kumar (Reyansh)
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
आप लगाया न करो अपने होंठो पर लिपिस्टिक।
Rj Anand Prajapati
जीवन
जीवन
Bodhisatva kastooriya
"चालाक आदमी की दास्तान"
Pushpraj Anant
मैं खड़ा किस कगार
मैं खड़ा किस कगार
विकास शुक्ल
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
शब्द अनमोल मोती
शब्द अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
Ravi Prakash
मां की आँखों में हीरे चमकते हैं,
मां की आँखों में हीरे चमकते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Shyam Sundar Subramanian
मेरी कलम से
मेरी कलम से
Anand Kumar
विश्व धरोहर हैं ये बालक,
विश्व धरोहर हैं ये बालक,
पंकज परिंदा
Loading...