पापा
पापा
दो रोटी कमाने के लिए वो ख़ुद भूखा रह जाता है
अपने बच्चे को दिला के गाड़ी ख़ुद पैदल काम पे जाता है
एक नया कपड़ा ख़रीदने के लिए वो सालों तक रुक जाता है
करनी हो अगर बेटी की शादी तो ख़ुद कर्ज़े में आ जाता है
बेटे को अफ़सर बनाने में वो ख़ुद की नींद उड़ाता है
माँ का सजना सवरना भी तो पापा से आता है
अपना परिवार बनाने में एक बाप ना जाने कितने झोखिम उठाता है