पापा
चाहे कह लो बापू, पिता या बाबा,
या फिर अब्बू, डैडी या पापा ।
यह तो बस पुकारने के हैं साधारण नाम ,
पर ध्यान रहे यह व्यक्ति नहीं है आम।
यह हैं हमारे जन्म दाता,
इनका ऋण कोई नहीं चुका सकता।
प्रेम और सख़्ती के दोनो स्वरूप,
न्योछावर होते हम पर समय के अनुरूप।
माँ के प्यार के चर्चे तो हैं विख्यात,
पर पिता का हृदय भी होता है विराट।
माँ अगर है ममता की मूरत,
तो यह भी हैं भव्यता की इमारत।
हमारी आन-बान-शान के रखवाले ,
हमारे अन्धेरों को भगाने वाले ।
जीवन के मूल्यों के शिक्षक,
सही पथ पर चलाने वाले दिग्दर्शक।
भूखा हमें रखा नहीं कभी,
दुखों से हमेशा दूर रखा सभी ।
दिन रात खून पसीना बहाया,
हमें सबसे अच्छा सब कुछ दिलाया।
इनकी मेहनत और लगन हैं बेमिसाल,
इनकी बुद्धि और जोश हैं कमाल।
हमारी सारी उपलब्धियाँ हैं इनको श्रेय,
हमारी ख़ुशियाँ थीं सदा इनका ध्येय।
कुछ ऐसे हैं मेरे पापा , मेरे सूपर हीरो,
कृतज्ञता और आभार से इनको शत शत नमन ढेरों
कहते हैं ढूँढने पर मिलते हैं भगवान,
हमें तो आँख खोलते ही मिल गया था यह वरदान !