पापा
प्यारे से रिश्ते का एहसास हैं पापा
संवेदना के भंडार हैं पापा
हम सबके सिरताज हैं पापा
रोटी कपड़ा और मकान हैं पापा ।।
आशीर्वाद से तकदीर बदल कर
सवारते हमारा बचपन हैं पापा
उज्जवल भविष्य के लिए हमारे
जन्नत के महल के द्वार हैं पापा ।।
जिगर के टुकड़े को ससुराल भेजना
कैसे करते कन्यादान हैं पापा
हमारे दुख में छुप छुप कर रोए
रखते आंखों में सैलाब हैं पापा ।।
अभिषेक पाण्डेय अभि
१२/१०/२०२२