पापा-ममी का प्यार
पापा-ममी का प्यार
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
बस इतना ही संग था तुम्हारा और मेरा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
कोई बदल नहीं पाया पापा ममी के प्यार को
तेरा पढाई का सामान बेटा सब लेकर जाना
पूछकर बेटा आँचल पढाई करने जाना
कोई पराया राह नहीं तुम पर अधिकार हमारा
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
तुम्हारा और हमारा, तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
तुम अपने घर का उजियारा पढाई करके रोशन करना
तुम मेरे घर का उजियारा बस गांव का नाम रोशन करना
बार कई मत घूमना अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना
वापस चाँद बनकर खुशियों को जगाना
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
बेटा जब पढाई चला घर सोना हुआ हमारा
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
कहता है हर कोई तू दादी का परछाई है
कहता है हर कोई तू दादा का परछाईं है
बेटा जब रवाना हुआ पढाई करने
पापा ममी की आँख भर आई
रंग रूप के संग के विदाता वो उनका गुणसारा
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
अपनी पढ़ाई के लिए एक दिन गाँव छोड़कर शहर सबको जाना
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
मैं नवापुरा रो छोरो शंकर आँजणा, पापा ममी के इस प्यार को गौतम जी सुनावे
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
बस इतना ही संग था तुम्हारा और हमारा
जाहो बेटा पढाई करना, ले लो आशीष हमारा
शंकर आँजणा नवापुरा धवेचा
बागोड़ा जालोर