पापा-बेटा की गाथा
सुणो बेटा कभी रुखना मत तुम, कभी झुकना मत तुम।
पापा के हर सपने व ख्वाहिश को पूरा करना तुम ।।
आसमानों के सब तारों को मुट्ठी में बन्द करना तुम ।
सुणो बेटा, सुणो बेटा,सुणो बेटा हो मेरा प्यारा बेटा ।।
कभी लोग तुझे ताने देंगे, कभी लोग तुझे फरमाएंगे ।
कभी लोग तुझे ताने देंगे, कभी लोग तुझे फरमाएंगे ।।
समझकर तुम्हें हुसियार बेटा, तुझ पर रोप जमाएंगे ।
सुणो बेटा बहकावें में ना आना,इन्हें तनिक भाव ना देना तुम।।
बेटा एकाग्रचित्त ग्रिनित सहकर तुम सत्य मार्ग पर आगे बढ़ना।
सुणो बेटा, आ सुणो बेटा,सुणो बेटा हो मेरा प्यारा बेटा ।।
कुछ नजर चुराकर दुनिया बेटा तुझे बुरी नजर से देखेंगे ।
बढ़ते आगे तुम्हे देखकर बेटा पथ पर कांटे बोएंगे बेटा ।।
सुण बेटा अन्याय सहना मत तुम, प्रताप बनकर लड़ना ।
शिवाजी, प्रताप,सावरकर बनकर दिखाना तुम बेटा ।।
सुणो बेटा, सुणो बेटा,सुणो बेटा हो मेरा प्यारा बेटा ।
फिर ऐसी दिन भी आएंगे हर लोग तुझे देखकर पछताएंगे ।।
जो कल तेरी मजाक उड़ाते वो तुझे देखकर जयकारे लगाएंगे ।
सुणो बेटा कभी रुखना मत तुम, कभी झुकना मत तुम।।
पापा के हर सपने व ख्वाहिश को पूरा करना तुम ।
छत कर्म आचरण से अपने माँ बापू को गर्वित करना तुम ।।
सुणो बेटा, सुणो बेटा,सुणो बेटा हो मेरा प्यारा बेटा ।
सुणो बेटा कभी रुखना मत तुम, कभी झुकना मत तुम ।।
पापा के हर सपने व ख्वाहिश को पूरा करना तुम ।
आसमानों के सब तारों को मुट्ठी में बन्द करना तुम ।।
सुणो बेटा, सुणो बेटा,सुणो बेटा हो मेरा प्यारा बेटा ।
सुणो बेटा, सुणो बेटा,सुणो बेटा हो मेरा प्यारा बेटा ।।
शंकर आँजणा नवापुरा धवेचा
बागोड़ा जालोर-343032
मो-8239360667
कक्षा-स्नातक तृतीय वर्ष व BSTC दुतीय वर्ष
PMKKVY-जालोर, MAMTTC-जोधपुर