“पापा की सेवानिवृत्ति” (संक्षिप्त हास्य कविता)
सेवानिवृत्ति वाले दिन मैं पहले ही पहूँची पापा के पास,
उस दिन उनको ऑफिस से मिला था कुछ खास,
मंद-मंद मुस्काते हुए मां से बोले
देखोगी नहीं उपहार,
मां ने उनका फूल-मालाओं से किया स्वागत,छा गई बहार,
पैकेट खोलकर देखा तो निकला जामुनी स्वेटर,
पहनकर देखा पापा ने तो दिखने लगे मां को वेटर,
मां ने सोचा पापा के ऑफिस की
इतनी अच्छी सखियाँ,
सेवानिवृत्त होने पर हाथ से बुना गिफ्ट दिया।।
आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल