Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Feb 2021 · 1 min read

पापा कहे पड़ो लिखो — (घनाक्षरी)

पापा कहे पड़ो लिखो,माता कहे अच्छा सीखो।
सुनो बच्चो गुरु कहे,ज्ञान तुम्हे लेना है।।
हम कहे कैसे पड़े,ज्ञान कैसे सिर चडे।
लागा दिल मोबाइल से, टाईम इसे देना है।।
इसने बिगाड़ा हमें, जमे जमे यही जमे।
हाथ से न छूट पाए,दिन चाहे रैना है।।
तुम इसको हटा लो,फिर कुछ भी बंचा लो।
बांचे न अगर पोथी, दण्ड चाहे देना है।।
राजेश व्यास अनुनय

1 Like · 2 Comments · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
क्यों नहीं निभाई तुमने, मुझसे वफायें
gurudeenverma198
पहले खंडहरों की दास्तान
पहले खंडहरों की दास्तान "शिलालेख" बताते थे। आने वाले कल में
*Author प्रणय प्रभात*
सरकार बिक गई
सरकार बिक गई
साहित्य गौरव
जालिमों तुम खोप्ते रहो सीने में खंजर
जालिमों तुम खोप्ते रहो सीने में खंजर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जानता हूं
जानता हूं
Er. Sanjay Shrivastava
मेरी प्यारी हिंदी
मेरी प्यारी हिंदी
रेखा कापसे
शौक-ए-आदम
शौक-ए-आदम
AJAY AMITABH SUMAN
कसम है तुम्हें भगतसिंह की
कसम है तुम्हें भगतसिंह की
Shekhar Chandra Mitra
जनक छन्द के भेद
जनक छन्द के भेद
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
तू आ पास पहलू में मेरे।
तू आ पास पहलू में मेरे।
Taj Mohammad
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
2386.पूर्णिका
2386.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
डिजिटलीकरण
डिजिटलीकरण
Seema gupta,Alwar
मुझे अधूरा ही रहने दो....
मुझे अधूरा ही रहने दो....
Santosh Soni
Orange 🍊 cat
Orange 🍊 cat
Otteri Selvakumar
*****श्राद्ध कर्म*****
*****श्राद्ध कर्म*****
Kavita Chouhan
*कभी नहीं पशुओं को मारो (बाल कविता)*
*कभी नहीं पशुओं को मारो (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
Ram Krishan Rastogi
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
वर्तमान, अतीत, भविष्य...!!!!
Jyoti Khari
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मन उसको ही पूजता, उसको ही नित ध्याय।
मन उसको ही पूजता, उसको ही नित ध्याय।
डॉ.सीमा अग्रवाल
पेइंग गेस्ट
पेइंग गेस्ट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दस्तूर ए जिंदगी
दस्तूर ए जिंदगी
AMRESH KUMAR VERMA
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
سب کو عید مبارک ہو،
سب کو عید مبارک ہو،
DrLakshman Jha Parimal
Loading...