पानी की तस्वीर तो देखो
अरे पानी तो पानी है लेकिन
पानी की तस्वीर तो देखो
कहीं बना झरना बहता है
कहीं बना है सागर पानी
बना कहीं पर ओश का मोती
कहीं भाप बन उड़ जाता है
बादल बनकर उड़ता रहता
कहीं बना हिम बरसे पानी
है कौन जगह नजर ना आए
कौन बिना इसके रह जाए
हर महफिल में रहता पानी
आँसू बनकर बहता पानी
चर लेता विकराल रूप जब
काल समान नजर आता है
पल में सर्वनाश कर डाले
इतना भयंकर है ये पानी
धरती की हरियाली है इससे
ये घटा बनी है काली इससे
लब पे आया गीत है पानी
जीवन का संगीत है पानी
कूप,ताल,सागर में यह रहता
‘V9द’ नदी धारा बन बहता
अनधुआ जजबात है पानी
जीवन की सौगात है पानी
स्वरचित
V9द चौहान