पानी बरसे मेघ से
पानी बरसे मेघ से,बिजली चमके पार ।
जल प्लावन सब ओर है,त्राहि त्राहि करतार।
त्राहि त्राहि करतार, झमाझम पानी बरसे।
जन मानस हो त्रस्त,जल व विद्युत को तरसे।
पर्यावरण स्वदोष, ज्ञान देते सब ज्ञानी।
जल संरक्षण करें ,बचे धरती का पानी
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम