पानी पिये छानकर
घनाक्षरी – पानी पीये छान कर
पानी पीये छान कर,
बात मेरी मान कर।
एक दूसरे पर जी,
भरोसा ना कीजिए ।
सही काम कर अब,
आगे-आगे बढ़ जब।
देख कर तुझको जी,
चकित ओ रहिए।
आगे पीछे देख कर,
दाएं बाएं मुड़ कर।
सावधानी से जीवन,
संभल के चलिए।
घर में प्रेम अपार,
मिल कर भाई चार।
जीवन में धैर्यता का,
धीरज जी धरिए।
~~~~~~~~~~~~
डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना (छत्तीसगढ़)
मो. 8120587822