पानी पर चलता है क्यों
पानी पर चलता है क्यों…
पानी पर चलता है क्यों
अपनो से जलता है क्यों…
नहीं रुकेगा धन-दौलत
सोच जरा छलता है क्यों…
ठीक नहीं जो काम लगे
उसको तू करता है क्यों…
जो दिखते ईद का चांद
उस पर यूँ मरता है क्यों…
किया नहीं है जुल्म अगर
फिर उनसे डरता है क्यों….
देख-देख झूठा सपना
मन मैला करता है क्यों…
खड़ा सामने यदि सच हो
आंखों को मलता है क्यों ….
सूरज बनना चाह रहा
पूछ नहीं ढलता है क्यों…
डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)
9918779472