Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2019 · 1 min read

पानी के लिए हाहाकार

जल्दी उठना ।
जल लेकर आना ।।
बर्तन लाना ।।

भीड़ है लगी ।
सब पानी लाएगी ।।
भौर भागेगी ।

हमे खेलना ।
नही यह झेलना ।।
शाला है जाना ।

उम्र कच्ची है ।
किंतु सोच सच्ची है ।।
हम बच्ची है ।

पथ कंकर ।
सिर पर गागर ।।
है मजबूर ।

गर्मी प्रखर ।
चलना कोस भर ।।
जीना दूभर ।

भू का आधार ।
बिना जल बेकार ।।
मची हा कार ।

संचय नीर ।
तो नही सागर ।।
समझो यार ।

पेड़ लगाओ ।
यह संदेश बांटो ।।
गौर से सुनो ।

(जेपीएल, हरदा , म.प्र. )

Language: Hindi
1 Like · 301 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from जगदीश लववंशी
View all
You may also like:
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
लहजा
लहजा
Naushaba Suriya
मुमकिन हो जाएगा
मुमकिन हो जाएगा
Amrita Shukla
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
*प्रणय*
शायरी
शायरी
Pushpraj devhare
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पिता विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
Ravikesh Jha
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Ram Krishan Rastogi
ज़िंदगी  है  गीत  इसको  गुनगुनाना चाहिए
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
Neelam Sharma
* नहीं पिघलते *
* नहीं पिघलते *
surenderpal vaidya
बुंदेली_मुकरियाँ
बुंदेली_मुकरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सही कहा है
सही कहा है
पूर्वार्थ
"शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
घुंटन जीवन का🙏
घुंटन जीवन का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
Dr Mukesh 'Aseemit'
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
पीछे तो उसके जमाना पड़ा था, गैरों सगों का तो कुनबा खड़ा था।
Sanjay ' शून्य'
जो लगती है इसमें वो लागत नहीं है।
जो लगती है इसमें वो लागत नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
*हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)*
*हमने एक पतंग उड़ाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मोबाइल महिमा
मोबाइल महिमा
manorath maharaj
शराफत नहीं अच्छी
शराफत नहीं अच्छी
VINOD CHAUHAN
Why am I getting so perplexed ?
Why am I getting so perplexed ?
Chaahat
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
ग़ज़ल _ मैं रब की पनाहों में ।
Neelofar Khan
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
षड्यंत्रों की कमी नहीं है
Suryakant Dwivedi
पिता और पुत्र
पिता और पुत्र
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दो शब्द
दो शब्द
Dr fauzia Naseem shad
Loading...