पानी के लिए लड़ेगी दुनिया, नहीं मिलेगा चुल्लू भर
सूख गए जल स्रोत, भूजल चला गया है नीचे
चीर रहा धरती का सीना,मानव आंखें मीचे
भर रहा सीमेंट कांक्रीट से, व्यर्थ गया जल वह वह कर
प्रदूषित जल वहा रहा, ज़हर घोलता हर्षा कर
नहीं बचेगा जल पीने को,मर जाएगा तड़फ तड़फ कर
पानी के लिए लड़ेगी दुनिया, नहीं मिलेगा चुल्लू भर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी