“पानी की महत्ता “(दोहा छंद)
“पानी की महत्ता”(दोहा छंद)
1.
पानी की हर एक बूंद, हैं जीवन आधार।
गर जो पानी ना रहे, मिट जाये संसार।।
2.
पानी नित बचाईये, करो न पानी नाश।
रोटी,वसन,मकान हो, पानी सबमे खास।।
रामप्रसाद लिल्हारे “मीना”
“पानी की महत्ता”(दोहा छंद)
1.
पानी की हर एक बूंद, हैं जीवन आधार।
गर जो पानी ना रहे, मिट जाये संसार।।
2.
पानी नित बचाईये, करो न पानी नाश।
रोटी,वसन,मकान हो, पानी सबमे खास।।
रामप्रसाद लिल्हारे “मीना”