पाती प्रेम की
पाती प्रेम की
शब्द शब्द है मुखर
नेह अनुवादों की
अक्षर अक्षर गमक रहा
सुगंध देह की
फ़ैली स्याही महकी
जैसे यादों की
मन में बहके
सुरभि अन्तरमन की
खूश्बु बिखर
प्यार के सोंधापन की
सजल है नयन
है पाती– प्रेम की !
सजन
पाती प्रेम की
शब्द शब्द है मुखर
नेह अनुवादों की
अक्षर अक्षर गमक रहा
सुगंध देह की
फ़ैली स्याही महकी
जैसे यादों की
मन में बहके
सुरभि अन्तरमन की
खूश्बु बिखर
प्यार के सोंधापन की
सजल है नयन
है पाती– प्रेम की !
सजन