पाठ
लिखते हैं अहसास
जोड़ते हैं शब्द
छू पाते आपकी भावना
हो जाती सफल कामना।
कितने दूर कितने पास,
लम्हों की बरसात
होता यकीन ,
जी लेते सभी अपनी जिंदगी
दूर होती वासना
पास तो होती सही भावना
तो होती नहीं ,
दग्ध हृदय परेशान जिंदगी
छू पाते आपकी भावना
हो जाती सफल कामना ।
इंसानियत के रिश्ते
सबसे ऊपर रखते हैं।
अपने अंदर इंसानियत रखते हैं ।
दंभ नहीं भरते,
अपनी जज्बात कहते हैं।
आध्यात्मिकता में विश्वास रखते हैं।
भारत में वास करते हैं।
कृष्ण- कृष्ण गाते हैं।
जो हृदय में वास करते हैं।
गीता पाठ करते हैं।
_ डॉ. सीमा कुमारी ;बिहार
(भागलपुर )स्वरचित रचना दिनांक 14-1-022 जिसे आज प्रकाशित कर रही हूँ ।