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29 Jun 2021 · 1 min read

पाठकों की कब क्या हो पसंद….

पाठकों की कब क्या हो पसंद….
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐

पाठकों की कब क्या हो पसंद ,
मुझे कुछ पता ही नहीं चल पाता !
कर लेते हैं ऑंखें वो अपनी बंद ,
जो सदैव होश ही मेरा उड़ा जाता !!

रचना कोई तब सफल होती ,
जब पाठक वृन्द हैं उसे पढ़ते !
पर कभी कभी तो वे बिना पढ़े ही,
लाइक, कमेंट उसपे हैं कर देते !!

मैं तो कहता हूॅं कि जो रचना
पाठकों को नहीं भी है पसंद !
अवलोकन ध्यान पूर्वक उसे भी करें ,
पर जवाब में भावना अपनी प्रदर्शित करें !!

पर वे कदापि ऐसा नहीं करते ,
बस नाराज़ होकर ही रह जाते !
और दूसरी रचना से आस लगाते ,
सदैव इसी प्रक्रिया को वे हैं दोहराते !!

जब तक आप उचित समालोचना न करेंगे !
रचनाकार रचना की खामियाॅं कैसे समझेंगे !
फिर से वे अन्य रचना में कैसे सुधार करेंगे !
रचनाकार दुबारा भी वही गलतियाॅं करते फिरेंगे !!

अतः हाथ जोड़ पाठक गण से यही है विनती ,
कि वे अधिकतर रचनाओं का अवलोकन करें।
जो रचना उन्हें सबसे ज़्यादा पसंद आ जाए ,
उसको लाइक के साथ उचित कमेंट भी करें।
और जो रचना पढ़कर भी ‌नापसंद आ जाए ,
उसमें खामियों को चिन्हित कर मार्गदर्शन करें।।

स्वरचित एवं मौलिक ।

अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : २९/०६/२०२१.
“””””””””””””””””””””””””””””
????????

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 1167 Views

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