पागल हूं जो दिन रात तुझे सोचता हूं।
पागल हूं जो दिन रात तुझे सोचता हूं।
तन्हाई भरी रातों में तुझे खोजता हूं।
तेरा दीदार मिल जाए तो तसल्ली हो,
वरना हवा की आहट से भी चौंकता हूं।।
पागल हूं जो दिन रात तुझे सोचता हूं।
तन्हाई भरी रातों में तुझे खोजता हूं।
तेरा दीदार मिल जाए तो तसल्ली हो,
वरना हवा की आहट से भी चौंकता हूं।।