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5 Nov 2021 · 1 min read

पागल दिल

कभी तो इस दिल का हद से ज्यादा धड़कना
फिर कभी सांसों का भी यूं ख़ामोश हो जाना
समझ नहीं आता क्या है बेदर्द दिल का इरादा।।

पर तेरे दीदार से आता आंखों को जो सुकून है
शायद दिल को भी यही मंज़ूर है।।

हंस ~हंस कर तेरा यूं बात करना
हाय आहिस्ता से यूं मुस्कुराना
दीवाने दिल को कर दे न कहीं पागल
बस इसी बात का डर है ।।

✍️ रश्मि गुप्ता @ Ray’s Gupta

Language: Hindi
4 Comments · 353 Views
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