पाखंडी रिश्ते
आजकल के रिश्तों में पाखंड के सिवा कुछ नहीं ,
जीतेजी तो इनसे प्रेम के दो बोल सुनना मुहाल है।
और मौत पर दहाड़े मार कर रोते है छाती पीटते है।
ज़माने के सामने जाहिर करने को इनका बहुत बुरा ,हाल है ।
आजकल के रिश्तों में पाखंड के सिवा कुछ नहीं ,
जीतेजी तो इनसे प्रेम के दो बोल सुनना मुहाल है।
और मौत पर दहाड़े मार कर रोते है छाती पीटते है।
ज़माने के सामने जाहिर करने को इनका बहुत बुरा ,हाल है ।