पाकिस्तान तेरी खैर नहीं
कहाँ नेक है कायर पाकिस्तान
जिसकी नजर में रहती आपकी गिरेबान
करता आपको घड़ी-घड़ी हमेशा परेशान
पूरी दुनिया भी गई है जान
आप निंदा करो,वो लेता बंदूकें तान
ना केवल बंदूकें तान
निर्दोषों को पहुँचा देता शमशान
शहीद कर देता फिर से नये जवान
आतंकवादी बनाने का चला रखा अभियान
पाठशाला ही नहीं जहाँ आतंकियों की है खान
अमेरिका की मदद से फूला हुआ घमंडी इंसान
प्यार का वध करता बेईमान
न जियेंगे ना जीने देंगे का गान
यही है उसका लिखित संविधान
आतंकवाद ही हो जिसका राष्ट्रगान
फिर पूरा कश्मीर चाहिए ये नुकिला बयान
दहशत फैलाना ही है जिसका सर्व शिक्षा अभियान
हमारे संयम का लेता रोज इम्तिहान
और उसने भी लिया है अब ठान
चैन से जीने नहीं देंगे”तुझे मेरी जान”
जेहाद में अपनी जान कर दें कुर्बान
ऐसा होता है पाक का नापाक पठान
हम हमेशा कहें प्यारे भाईजान
घात लगाये बैठा है मेरा मित्र मेहरबान
और भेज रहा है हरदम यहाँ मौत का सामान
कब जान रहे, कब जाये, इसका नहीं ज्ञान
उल्टा आप पर प्रत्यारोप का बान
पाकिस्तान की शांति में करते हैं व्यवधान
जो निरंतर खण्डित करता आपका मान
ऐसे नेक पड़ोसी का आप क्या करेंगे श्रीमान
अपने सीने के दर्द का किस-किस को करेंगे बखान
जिसने बेच दिया हो अपना सारा ईमान
बेकार है बुलाना बनाकर उसको मेहमान
वो क्या होगा कभी हमारा कद्रदान
आपकी बात का कहाँ उसको ध्यान
उससे बात करने की क्या जरूरत है भगवान
बदल गया विधि का विधान
कमजोर ही चुनौती की कसता तान
परमाणु बम से कर देंगे आपको सुनसान
ऐसी बात से नहीं होगा भारत का कल्यान
आखिर क्या है समस्या का समाधान
पाकिस्तान क्यों नहीं रहा हमारी बात मान
क्या हम ऐसे ही देते रहेंगे वीरों की जान
क्या कश्मीर की घाटी रहेगी सदा शांति से वीरान
बड़ा संकट है हमारे सामने विराजमान
अब तो कुछ करिए जजमान
भारत के चौकीदार परम प्रधान
शहीदों की शहादत का व्यर्थ ना हो बलिदान
निर्दोषों का लहू फिर से लाये उफान
बद्दुआओं से घिर जाये पूरा पाकिस्तान
या खुदा इसे नरक में भी ना मिले स्थान
नापाक, पढ़ता है रोज, ऐसा पाक कुरान
अपने ही बड़े भाई का जीना किया है हलाकान
लानत है ऐसे बंदों पर और करता है अजान
जिसके मानव होने पर शर्मिंदा है सारा जहान
जाहिलों की बगावत का एकमात्र निदान
ना दोस्ती का हाथ, ना सहयोग का एहसान
वार्ता का समाप्त हो हर एक प्रावधान
आपसी भावनाओं का रोक दो आदान-प्रदान
बंद किजिए मार्ग सब,पथ हो जाये बियाबान
सर्जिकल स्ट्राइक जैसा बार- बार तूफान
सिन्धु के जल का मत किजिए दान
जेहादियों का मिटा दो नामोनिशान
खेल के रास्ते नहीं होगा कोई उत्थान
भारत में जो पैरवी करे उसको सूली पर दिजिए तान
सीमा पर तैनात किजिए योद्धा बलवान
मौत का तांडव करें हमारी सेना के कमान
सेना को अधिकार मिले करें घमासान
इस भस्मासुर को भस्म कर रचे शिव पुरान
जान का बदला जान, ये जान ले पाकिस्तान
स्वयं ही चूर हो जायेगा पाकिस्तान का अभिमान
नहीं चाहिए शरीफ, नहीं चाहिए अदनान
चोर-चोर मौसेरे भाई होते सब एक समान
मुस्लिम कट्टर हो सकता है पर होता नहीं शैतान
उदाहरण देखकर आप भी हो जायेंगे हैरान
भारत की भूमि पर थे अब्दुल कलाम विद्यमान
सारा भारत उनका आज भी करता है गुणगान
ऐसा होता है एक और नेक सच्चा मुसलमान
अब तो केवल चाहिए अग्नि की ही उडा़न
जिसने सिकंदर को धूल चटाया ये वो भारत महान
हमको आंख दिखाता है अपनी औकात पहचान
नक्शे में ना रह पायेगा तेरा कोई भी निशान
अगर जाग गया भारत की आत्मा का हैवान
इतिहास, भूगोल सबका किजिए फिर से नवनिर्मान
भारत सिर्फ चाहता है उन अमर शहीदों के बदले का सम्मान
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.