पाकपरस्ती चीन की….. : दोहे
जाति दिखा दी चीन ने, मिले कबूतर बाज.
पाकपरस्ती चीन की, जगजाहिर है आज..
‘शियाबुकी’ जल जो किया, है ‘लाल्हो’ के नाम.
तभी हुआ अपने लिए, चीनी माल हराम..
ब्रह्मपुत्र जल रोककर, चीन बनाता बंध.
सारे चीनी माल पर, लगे यहाँ प्रतिबन्ध..
संधि सिंधु जल भंग कर, पानी का रुख मोड़.
सारी नदियों को यहाँ, आपस में दें जोड़..
तड़पे पकिस्तान तब, दुश्मन को दें दाब.
ब्रह्मपुत्र तक जल बहे, सतलज सिन्धु चिनाब..
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’
(शियाबुकी= ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी|
लाल्हो= चीन की जल परियोजना )