पहुँच अपनी भी प्यारे बड़ी सरकार में है
कई जनमों से दिल ये
तुम्हारे प्यार में है
सिवा तेरे भला क्या यहाँ संसार में है
खता नजरों की जब से
हवा बनकर चली है
तभी से यार मौसम फँसा मँझधार में है
तुझे पाने की जिद में
किया नीलाम खुद को
लगी बोली हमारी सदर बाजार में है
गई छूकर के जब से
हमारी रूह को तुम
बसी खुशबू तुम्हारी दरो दीवार में है
तुम्हें हम छीन लेंगे
जमाने की नजर से
पहुँच अपनी भी प्यारे बड़ी सरकार में है