पहुँचाते राहत त्वरित….: दोहे
बाढ़ उत्तराखंड हो, या जम्मू कश्मीर
पहुँचाते राहत त्वरित, भारत माँ के वीर..
कैसी भी हो आपदा, या फिर हो भूकंप.
पहुँचें सेवक बन वहां, कर बाधा को जंप.
जाति धर्म पूछें नहीं, बढ़े मदद का हाथ.
राष्ट्रभक्त सच्चे सभी, दें सेना का साथ..
मानवता की भावना, के पोषक ये लाल
विश्वबंधु, सहयोग दे, बचा लिया नेपाल..
करते जब पथ संचलन, नष्ट सभी हो शूल.
हिन्दू-मुस्लिम मिल सभी, बरसा देते फूल..
आतंकी भगवा कहें , करें भले बदनाम.
किंतु स्वयंसेवक करे, जनसेवा का काम..
यदि सेवा की भावना, सदा मिले सम्मान.
जागरूक हों नागरिक, सत्ता भी दे मान..
इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’