पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी-पति का साथ (कुंडलिया)
पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी-पति का साथ (कुंडलिया)
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पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी- पति का साथ
जीवन में अमृत भरा, जब हाथों में हाथ
जब हाथों में हाथ, सदा सुख- दुख में रहते
मन की पीड़ा- हास , एक दूजे से कहते
कहते रवि कविराय, सदा पत्नी सॅंग रहिए
सदा जाइए साथ ,जिस तरह से दो पहिए
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451