Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2023 · 1 min read

पहले प्यार में

तब आई नव तरुणाई थी,
दिल जवांँ ने ली अंगड़ाई थी,
चांँदनी रात दिल को भाती थी,
प्रियतमा की छवि दिखलाती थी।

दसवें वर्ग में पढ़ता था तब,
पहले प्यार में डूबा था जब,
दिल धक्-धक् करता था तब,
कदम क्लास में रखता था जब।

सूर्ख गुलाब-सा बदन था उसका,
मृगनयनी चंचल सुंदर बाला थी,
घुंघराली काली जुल्फें उसकी,
दिखने में सुंदर मधुबाला-सी थी।

चंद्र सरीखा मुखड़ा था उसका,
गाल-लाल-गुलाल सजा हो,
कपोल कमल-पंखुड़ी जैसे,
स्मित छवि शीतल हवा हो।

काया उसकी पतली-सी थी,
वक्ष युगल नव उभार लिए,
खुली जुल्फों से ढंँके हुए वे,
ध्यानाकर्षण का भार लिए।

दिल में मची रहती थी हलचल,
उसकी झलक पाने को हरपल,
दसवीं पास कर बाहर आया जब,
उसकी एक खबर न पाया अब तक।

मौलिक व स्वरचित
©® श्री रमण ‘श्रीपद्’
बेगूसराय (बिहार)

2 Likes · 369 Views
Books from डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
View all

You may also like these posts

खो गया सपने में कोई,
खो गया सपने में कोई,
Mohan Pandey
!! राम जीवित रहे !!
!! राम जीवित रहे !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
परिमल पंचपदी - नवीन विधा
परिमल पंचपदी - नवीन विधा
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
हमारे बाद भी चलती रहेगी बहारें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
3591.💐 *पूर्णिका* 💐
3591.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दीप उल्फ़त के
दीप उल्फ़त के
Dr fauzia Naseem shad
इजाज़त
इजाज़त
Shweta Soni
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
🌸अनसुनी 🌸
🌸अनसुनी 🌸
Mahima shukla
"नजरे"
Shakuntla Agarwal
वह कौन सा नगर है ?
वह कौन सा नगर है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
राम- नाम माहात्म्य
राम- नाम माहात्म्य
Dr. Upasana Pandey
पराया तो पराया ही होता है,
पराया तो पराया ही होता है,
Ajit Kumar "Karn"
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
मेरा भारत सबसे न्यारा
मेरा भारत सबसे न्यारा
Pushpa Tiwari
घृणा
घृणा
Sudhir srivastava
ऐसी दिवाली कभी न देखी
ऐसी दिवाली कभी न देखी
Priya Maithil
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" बेवजह "
Dr. Kishan tandon kranti
नायब सिंह के सामने अब 'नायाब’ होने की चुनौती
नायब सिंह के सामने अब 'नायाब’ होने की चुनौती
सुशील कुमार 'नवीन'
true privilege
true privilege
पूर्वार्थ
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
Sanjay ' शून्य'
रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में।
रंग प्रेम के सबमें बांटो, यारो अबकी होली में।
श्रीकृष्ण शुक्ल
छल ......
छल ......
sushil sarna
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
मतदान
मतदान
Aruna Dogra Sharma
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
*रामचरितमानस में अयोध्या कांड के तीन संस्कृत श्लोकों की दोहा
Ravi Prakash
Loading...