पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
पहले जब तु पास् होती थी , तब दिल तुझे खोने से रोता था।
और अब तु दूर होती है तब भी दिल तेरे दूर होने पर भी हस्ता है।
और तु गुलब के फूल सि और मे कोमल पत्तौ जैसे।
और मे तुम्हरी महोबत मे कुछ यु खों गया की कुछ पता हि नही चल,की कब मुझे अच्छे से भत्तर बना दिया कुछ पता हि नही चला।
और जादा वकत नही लगा हमारी महोबत को तेरी बेवफाई ने मेरे दिल को कब पथर बना दिया कुछ पता हि नही चला।
और अब तो मन बर गया, लडकीयों और उन के प्यार, महोबत से अब तो अगले जनाम मे हीं मुलाकात करे गे।