-पहले आत्मसम्मान फिर सबका सम्मान
-पहले आत्मसम्मान फिर सबका सम्मान
ना चाहिए बेशुमार दौलत नही चाहिए बडा़ मकान
नारी है हम आत्म सम्मान ही है हमारी पहचान
ठेस ना पहुंचे आत्म समान वही करे हम भी सम्मान
अपने सपने गौणकर सबके लिए न्यौछावर जी जान
कमजोरी नही विवशता भी नही है नारी मन भाव
नारी का आत्मसम्मान है श्रृंगार नही तो जीवन बेकार
द्रोपदी का चीरहरण और सीता मां का अग्नि गमन
नारी की कैसी मर्यादा जहां रहा मूक पुरूष प्रधान
लाज सोच संकोच विवशता तोडकर नारी करो भान
निडर आत्मनिर्भर वनिता करना प्रथम आत्मसम्मान
रिश्ता अनमोल सबके लिए जीना करना सबका सम्मान
नर हो नारी सबकरें आत्मसम्मान फिर करें सबका सम्मान ।
-सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान