पहलू
हर सिक्के के दो पहलू होते चित कहो एक पट
सिक्का उछल कर गिरता दिखता चित या पट
दिखता चित या पट दोनों संग में ना दिखते हैं
सामने जो दिखते दूसरे उसकी ओट में छिपते हैं
कह कवि मुस्काय तनिक सोच का विस्तार करो
छिपे हुए की भी हस्ती है इस पर थोड़ा विचार करो
वीर कुमार जैन
24 सितंबर 2021