पहली सुबह हो तुम
सुना है, आकाश की पहली सुबह हो तुम,
आँखों का चमकता सितारा हो,
हम तुम्हे बस कहते है ज़िंदगी,
दुनिया कहती है, जीने का इशारा हो तुम,
ज़िंदगी जीने को करती मजबूर, ऐसी है,
आँखे तुम्हारी नूर के जैसी है,
झुक गया कदमो में तुम्हारे,
घुटनो से चलकर आना पड़ा, दुरी ऐसी है,
तेरे चेहरे में दुनिया भर के सितारे है,
तेरी आँखों में चमक ऐसी है,
मुस्कुराना पड़ा तुम्हे देखकर,
तनहा उनकी मुस्कराहट में लहर ऐसी है,