वो 30 मिनट…
ये उस दिन की बात हैं जब मुझे अपने काम से बैंगलोर जाना था, औऱ मेरी 10 बजे की फ्लाइट थी । मुझे निकलने में बहुत देरी हो गई, कोई टैक्सी भी नहीं मिल रही थी । तभी मैने एक टैक्सी आते देखी मैंने जल्दी से उसे आवाज़ लगाई तभी मुझे मेरे अलावा एक औऱ आवाज़ सुनाई दी – “भैया एयरपोर्ट चलोगे क्या ?”
जब मैंने देखा तो वहाँ एक लड़की नीले कपड़े पहने खड़ी थी, उसकी लहराती जुल्फ़े उसके चेहरे पर आ रही थी । उसकी आंखों का काज़ल तो मुझे पागल किये जा रहा था । वो जिस अंदाज से टैक्सी ड्राइवर से बात कर रही थी मैं तो बस उसे देखे जा रहा था ।
फ़िर मैंने धीरे से अपना हाथ बढ़ाते हुए कहॉ – नमस्ते ! मेरा नाम रवि हैं ।
उसने मुझे देखा औऱ थोड़ा सोचते हुए झिझक के साथ कहा – नमस्ते, मेरा नाम प्रिया हैं । मैंने बात आगे बढ़ाने के लिए पूछा – आपको भी एयरपोर्ट जाना हैं क्या ? प्रिया ने कुछ देर रुक कर कहा – हाँ ।
तो अगर आपको…..कुछ एतराज़ ना हो तो हम साथ मे चल सकते हैं । इस बार प्रिया ने बिना सोचे हाँ कर दी थी । फिर हम दोनों टैक्सी में बैठ गए, अब बात आगे कैसे बढ़े । दोनों चुप चाप बैठे थे, तभी रेडियो पर गाना बजा – “अजनबी कौन हो तुम, जबसे तुम्हें देखा है सारी दुनिया मेरी आँखों में सिमट आई है ”
हम दोनों ने थोड़ा शरमाते हुए एक दूसरे की आँखों मे देखा ।
हाय……मैंने प्रिया के साथ एक अलग ही दुनियाँ बना ली थी, एक खूबसूरत ख़्वाब । वो 30 मिनट का सफर मेरी जिन्दगी का सबसे ख़ुबसूरत सफर था ।
फ़िर जैसे ही हम एयरपोर्ट पहुँचे पता चला कि हम दोनों के रास्ते अलग अलग हैं, उसे विदेश जाना था । प्रिया ने बोला कि मैं पहली औऱ आख़िरी बार इंडिया आई हूँ , अभी मैं हमेशा के लिए वापिस जा रही हूँ । तुम मुझे हमेशा याद रहोगे ।
मानों 2 पल के लिए मेरी साँसे थम सी गई हो, जिस प्रिया के साथ मैंने ज़िन्दगी बिताने के सपने देखे वो तो बहुत दूर जा रही हैं । मैंने प्रिया को अपने दिल की बात बताना ठीक नही समझा, औऱ मुस्कुराहट के साथ कहा – “प्रिया, तुम बहुत अच्छी हो तुम भी हमेशा मुझे याद रहोगी । औऱ हम दोनों अपने अपने रास्ते चल दिये ।
वैसे तो मैं पहली नज़र के प्यार में भरोसा नही करता था, लेकिन जब से प्रिया को देखा मेरा दिल बस उसी का बन कर रह गया । 3 साल बीत गए हैं ना उससे बात हुई ना कि उसकी कोई ख़बर , लेकिन दिल को आज भी उसी का इंतज़ार हैं ।
पायल पोखरना कोठरी