((((पहली कसम))))
((((पहली कसम))))
पहले प्यार की पहली कसम में बर्बाद हुए,
हम वो शायर हैं जो दिल टूट के आबाद हुए.
लिखते रहे गम के राज ज़िन्दगी भर,
हम वो हैं जो तन्हाइयों में कैद होकर
आज़ाद हुए।
गहरी चोटों का ही असर था दिल पर,
एक से बढ़कर एक नग्में इजाद हुए।
टकराते रहे एहसासों के कारवां इधर उधर से,
नाजाने कितने कलम और किताबों में फसाद हुए।
गुलाब टूटते रहे कांटों की दहलीज पर अमन,
बार बार महक चुराने में कितने ही भवरों में जिहाद हुए।