पहला प्यार
सुकून था संग घबराहट थी,
लगे वो प्यार की आहट थी।
सोच रहा दिन-रात वही मैं,
हृदय में एक सनसनाहट थी।।
हालत दिल ए बेकरार था,
नित मुझे कोई इंतजार था।
दिल धड़कना नींद गायब,
तब मेरा पहला प्यार था।।
यह बताता यह संसार है,
हो जरूरी पहला प्यार है।
बने खुद प्रेम आधार भी,
वो पहला सच्चा प्यार है।।
लगता प्रेम है इबादत सम,
‘पृथ्वीसिंह’ प्यार नहीं है कम।
ये प्यार मात्र प्यार होता है,
रहता वही इंतजार हरदम।।