पहला ख़त
प्यार का पहला ख़त लिक्खा है ख़त में ये इज़हार किया।
मुझको तुमसे प्यार हुआ है ख़त में ये इक़रार किया।।
ख़त पढ़ कर नाराज़ न होना तुमसे यही गुज़ारिश है।
तुमको जीवनसाथी बनाऊं मेरे दिल की ख्वाहिश है।।
पहली ही मुलाकात में मेरा दिल ये तुम पर आया है।
तुमसे ही है मेरी दुनिया खुशियों का सरमाया है।।
तेरे प्यार में सुध बुध खोया दिल को दर्द दिलाया है।
नींदें खोई है रातों की दिन का चैन गंवाया है।।
हाथ बढ़ा कर हाथ थाम लो अपना मुझे बना लो।
जीवन-साथी बनकर मेरे मुझको तुम अपना लो।।
रिपुदमन झा “पिनाकी”
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक