Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2021 · 1 min read

पहलवान

कविता :- पहलवान

बता रहा हूं समाज की कुछ लोगों की अभियान ,
कमजोर पर दिखाते शान ।
पहले खाते फिर करते स्नान ,
डरा धमकाकर जीते है पहलवान ।।

कुछ पल के लिए खो बैठते ध्यान ,
उजाड़ते कई घर , लेते कितने के प्राण ।
दानी भी है , करते पुलिस और प्रशासन
व्यवस्था के पास दान ,
और कहलाते पहलवान ।।

डरा – धमका कर पाते मान सम्मान ,
दिखाते रोशन मार्ग अंधेरा करके कि हम
किये है कल्याण ।
अधिकांश रहता झुठी बखान ,
डर के मारे हम जनता हाँ में हां मिलाते
क्योंकि वह हैं पहलवान ।।

बोतल के बोतल शराब, मुंह में रखते पान ,
गुण्डा गर्दी दिखाकर मजदूर बेचारों से छीन लेते धान ।
थाना में मजदूर की फैसला कहां , उल्टे पकड़वाते कान ,
क्योंकि जेब तो भर रहे हैं पहलवान ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
03-11-2018 शनिवार 00:30 कविता :-8(35)
intex से है :-8(035) मो :-6290640716
19-05-2020 मंगलवार कविता :- 16(36)

Language: Hindi
394 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
Aarti sirsat
"ये लोग"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
3) मैं किताब हूँ
3) मैं किताब हूँ
पूनम झा 'प्रथमा'
" जब तक आप लोग पढोगे नहीं, तो जानोगे कैसे,
शेखर सिंह
*भरोसा हो तो*
*भरोसा हो तो*
नेताम आर सी
जब किसी बुजुर्ग इंसान को करीब से देख महसूस करो तो पता चलता ह
जब किसी बुजुर्ग इंसान को करीब से देख महसूस करो तो पता चलता ह
Shashi kala vyas
मुक्कमल कहां हुआ तेरा अफसाना
मुक्कमल कहां हुआ तेरा अफसाना
Seema gupta,Alwar
चंचल मन
चंचल मन
उमेश बैरवा
"बहुत दिनों से"
Dr. Kishan tandon kranti
सजल...छंद शैलजा
सजल...छंद शैलजा
डॉ.सीमा अग्रवाल
3258.*पूर्णिका*
3258.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ऋतु परिवर्तन
ऋतु परिवर्तन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
********* कुछ पता नहीं *******
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
मानव हमारी आगोश में ही पलते हैं,
Ashok Sharma
जिंदगी और जीवन तो कोरा कागज़ होता हैं।
जिंदगी और जीवन तो कोरा कागज़ होता हैं।
Neeraj Agarwal
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
आ गया है मुस्कुराने का समय।
आ गया है मुस्कुराने का समय।
surenderpal vaidya
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
■ होशियार भून रहे हैं। बावले भुनभुना रहे हैं।😊
*प्रणय प्रभात*
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेटी है हम हमें भी शान से जीने दो
बेटी है हम हमें भी शान से जीने दो
SHAMA PARVEEN
शिक्षक है आदर्श हमारा
शिक्षक है आदर्श हमारा
Harminder Kaur
*पाऊँ पद हरि आपके , प्रभु जी करो विचार【भक्ति-कुंडलिया】*
*पाऊँ पद हरि आपके , प्रभु जी करो विचार【भक्ति-कुंडलिया】*
Ravi Prakash
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
शहीदे आजम भगत सिंह की जीवन यात्रा
Ravi Yadav
"प्यार की कहानी "
Pushpraj Anant
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
Agar tum Ladka hoti to Khush Rah paati kya?....
HEBA
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम ,   रहेंगे जुदा ना ,ना  बिछुड़ेंगे
दिल को लगाया है ,तुझसे सनम , रहेंगे जुदा ना ,ना बिछुड़ेंगे
DrLakshman Jha Parimal
कविता
कविता
Rambali Mishra
"जब आपका कोई सपना होता है, तो
Manoj Kushwaha PS
Loading...