*पहचान*
खुद को जिसने जाना है !
खुदा को उसने जाना है !!
अपना सबको माना है !
फ़िर कोई नही बेगाना है !!
खुद को जिसने जाना है
खुदा को उसने जाना है !!
लबों पर यही तराना है !
सब कुछ आना जाना है !!
दुनियाँ मुसाफ़िरखाना है
सांसों का कर्ज़ चुकाना है!!
खुद को जिसने जाना है !
खुदा को उसने जाना है !!
धर्मेन्द्र अरोड़ा