Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2024 · 1 min read

* पहचान की *

** गीतिका **
~~
है जरूरत नहीं आज पहचान की।
देख लो रौशनी खूब दिनमान की।

फूल खिलने लगे मुस्कुराने लगे।
खूब कीमत रही आज मुस्कान की।

मुश्किलें जब कभी सामने आ गयी।
चाहतें हो गयी व्यर्थ नादान की।

पूछता जो रहा मंजिलों का पता।
कुछ करेंगे मदद आज अंजान की।

वक्त पर जब नहीं हो रही बारिशें ।
बात करते रहे ज्ञान विज्ञान की।

पूर्ण कर्तव्य अपना समझ कर करें।
अब जरूरत नहीं व्यर्थ गुणगान की।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १४/०१/२०२४

1 Like · 1 Comment · 171 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

मेरी हकीकत.... सोच आपकी
मेरी हकीकत.... सोच आपकी
Neeraj Agarwal
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
पूर्वार्थ
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती  हमसे
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
Dr Archana Gupta
A mother's blessings
A mother's blessings
Pranav raj
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
छोटी कहानी- 'सोनम गुप्ता बेवफ़ा है' -प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
गमे दर्द नगमे
गमे दर्द नगमे
Monika Yadav (Rachina)
सच्ची दोस्ती
सच्ची दोस्ती
Rambali Mishra
बेबसी
बेबसी
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
Suryakant Dwivedi
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दिल लगाया भी कहीं तो हुआ क्या
दिल लगाया भी कहीं तो हुआ क्या
Jyoti Roshni
आंसू
आंसू
Uttirna Dhar
"दुर्भाग्य"
Dr. Kishan tandon kranti
Conscience
Conscience
Shyam Sundar Subramanian
चाह थी आप से प्रेम मिलता रहे, पर यहांँ जो मिला वह अलौकिक रहा
चाह थी आप से प्रेम मिलता रहे, पर यहांँ जो मिला वह अलौकिक रहा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Ram Krishan Rastogi
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
आती रजनी सुख भरी, इसमें शांति प्रधान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संयुक्त परिवार - भाग १
संयुक्त परिवार - भाग १
CA Amit Kumar
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
20) दिल
20) दिल
नेहा शर्मा 'नेह'
धर्म
धर्म
Mamta Rani
* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
🤣 लिख लीजिए 🤣
🤣 लिख लीजिए 🤣
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चिन्ता और चिन्तन
चिन्ता और चिन्तन
ललकार भारद्वाज
हे ईश्वर - ॥
हे ईश्वर - ॥
Ashwani Kumar Jaiswal
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हुईं क्रांति
हुईं क्रांति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सरहदों को तोड़कर उस पार देखो।
सरहदों को तोड़कर उस पार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...