पवित्र बंधन
सज गये बाज़ार
आ गई राखियाँ
पवित्र बंधन है ये
भाई-बहन का प्रेम
बहना करती इन्तजार
हर वर्ष बेसब्री से
इन्द्र देव चले युद्ध को
इंद्राणी ने सूत्र बांधा
मौली के कच्चे धागो में
है शक्ति अपार भरी
है ये बहन-भाई का रिश्ता
पैसों से न तौला है जाता
हर घर खुशियाँ हैं छाई
बेटी घर बाबूल के आई
राखी के संग खुशियाँ
लाई है, लक्ष्मी है आई
राखी का है त्यौहार
भाई- बहन का प्यार
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा